लहसुन (GARLIC) हमारी देशी जड़ी बूटियों में लहसुन प्याज की भाँति एक विशेष स्थान प्राप्त है आयुर्वेद की खोज ने जिन जड़ी बूटियों और साग सब्जियों की खोज की है उनमें लहसुन भी एक विशेष स्थान रहता है। क्योंकि इसे हर रोज खाने से भूख अच्छी लगती है, शरीर में गर्मी चेहरे पर एक विचित्र चमक नजर आती है, यह रक्त शक्ति और वीर्य बढ़ाता है, इसके द्धारा अनेक रोगों का इलाज हम कर सकते हैं, जिनका वर्णन इस प्रकार है:- दमा 1. केवल आयुर्वेद ही नहीं होम्योपैथिक डॉ. ई. पी एम्शूज की पुस्तक थेरप्युटिम बाइबेज में लहसुन को दमा रोगियों के लिए बहुत उपयोगी बताया गया है। लहसुन को गर्म पानी के साथ रोगी को देने से दमा रोगियों को काफी लाभ हो सकता है। 2. लहसुन की एक कली को भून कर थोड़े से नमक में मिला कर दम रोगियों को देने से उन्हें खांसी मिलेगी। 40 दिन तक निरंतर देने से रोग समाप्त हो जाएगा।
टी. बी. क्षयर रोगियों के लिए लहसुन बहुत गुणकारी सिद्ध हुआ है, क्योंकि जो लोग निरंतर लहसुन बहुत गुणकारी सिद्ध हुआ है, क्योंकि जो लोग निरंतर लहसुन का प्रयोग करते हैं, उनके पास टी. बी. के कीटाणु नहीं जाते, जाते भी हों तो अपनी मौत आप मर जाते हैं – जो लोग टी. बी. रोग से पीड़ित हैं उनके लिए दूध 250 ग्राम लहसुन की कलियां 10 नग 1. लहसुन की कलियों को छीलकर दूध में उबाल लें, जब यह सब अच्छी तरह उबल जाएं तो इन्हें निकाल कर खोलें दूध को पी लें 40 से 50 दिन के इस कोर्स में टी. बी. रोग जड़ से उखड़ सकता है। 2. लहसुन का रस 5 बूँद पानी दस ग्राम लेकर उन दोनों को मिलाकर रोगी को पिलाते रहें टी. बी. रोग जाता रहेगा।
खांसी सरसों का तेल 60 ग्राम और लहसुन की एक बड़ी गट्ठी की कलियां निकाल कर उन्हें छील कर तेल में अच्छी तरह पका कर एक शीशी में डाल कर रख लें। रोगी के सीने पर रात को सोते समय मालिश करने से खांसी रोग ठीक हो जाएगा। काली खांसी पांच बादाम, रात को पानी में भिगो दें। सुबह उठकर उनके छिलके उतार कर बारीक़ पीस लें। थोड़ी कुजा मिश्री और दो तुरी लहसुन भी बारीक़ पीस कर उन बादामों में मिला दें। यह पूरी खुराक काली खांसी के रोगी को सुबह निहार मुंह गाय के 250 ग्राम दूध के साथ खिला दें, इस दवाई को कम से कम एक मास तक या इससे भी अधिक खाते रहने से खांसी जड़ से चली जाती है साथ ही शरीर में नई शक्ति आती है। परहेज – ऐसी खांसी के रोगियों को खट्टा और घी तेल में तली हुई चीज़ों को नहीं खाना चाहिए।

खुजली लहसुन को छीलकर उसके बारीक़ टुकड़े करके सरसों के तेल में डाल कर हल्की आंच पर पका लें। नीचे उतार कर ठंडा होने पर एक शीशी में डाल कर रखें, खुजली होने वाले शरीर के भाग पर इसकी मालिश करें, कुछ दिन तक इस तेल को लगाने पर काफी लाभ होगा। जुएं अक्सर औरतें या फिर लंबे बालों वाले पुरुष इन जुओं के कारण बड़े परेशान रहते हैं। बार – बार सिर को खुजलाने से शर्म भी महसूस होती है, ऐसे लोगों या जूं रोगियों के लिए यह बात जान लेने की है लहसुन कर नींबू के रस में मिला दें। फिर रत को सोते समय इसे अच्छी तरह सिर के बालों में लगाएं वैसे तो यह एक सप्ताह का कोर्स है लेकिन रोगी स्वयं अपने रोग को देखकर इसे कम कर सकता है या बढ़ा सकता है।

दांतों के रोग पायोरिया मसूढ़ों की सूजन, दर्द, बदबू, इन रोगों के उपचार के लिए – एक चम्मच शहद में बीस बूँद लहसुन का रस निकाल कर उन दोनों को आपस में मिला कर चाटते रहें यह दवा एक मास तक चलेगी इससे दांत रोग सदा के लिए जाते रहेंगे। 2. 60 ग्राम सरसों का तेल 5 ग्राम लहसुन 2 ग्राम काला नमक 30 अजवायन बी लहसुन की तुरियों को अलग कर के छील कर बारीक़ काट लें, उन्हें तेल में डाल कर हलकी आंच पर भूनना शुरू कर दें। जब लहसुन का रग काला हो जाए तो उस में काला नमक और अजवायन को पीस कर डालें, इस सब को मिलाकर भून लें। अब इस मंजन को सुबह शाम दो समय दांतो पर और मसूड़ों पर अच्छी तरह कुछ दिनों के पश्चात ही आपको स्वयं पता चल जायेगा कि दांत कितने अच्छे साफ हो गए हैं। स्तनों का ठीलापन कुछ औरतों के स्तन समय से पूर्व ही काफी ढीले होकर लटकने लगते हैं, इसे इस रोग ही कहा जा सकता है, ऐसी औरतों को चार कली लहसुन की हर रोज खानी चाहिए, इससे स्तनों का ठीलापन दूर हो जाएगा। साथ ही इनमें तनाव भी आ जाएगा।

सिरदर्द सिर दर्द चाहे कैसा भी हो, लहसुन को और चन्दन को पीस कर कनपटियों पर उनका लेप करने से सिर दर्द दूर हो जाएगा। कान रोगों के लिए चार कली लहसुन एक चम्मच सरसों के तेल में पका कर दो – दो बूँद कानों में डालते रहें इससे कण रोग ठीक हो जाते हैं। मिरगी सब भयंकर और खतरनाक रोगों में मिरगी का स्थान प्रथम है क्योंकि मिरगी का स्थान है क्योंकि मिरगी रोगी का कोई भरोसा नहीं कि कब और किस समय और कहाँ पर इसे दौरा पड़ेगा कब वह गिर पड़ेगा। 1. ऐसे रोगियों को जब भी दौरा पड़े तो, लहसुन को अच्छी तरह से कूट कर रोगी को सुंघा दें, तो वह उसी समय होश में आ जाएगा। 2. दस कली लहसुन की दूध में उबाल कर मिरगी रोगी को एक लम्बे समय तक पिलाते रहने से यह रोग ठीक हो जाता हैं 3. लहसुन को तेल में पका कर हर रोज खाने से मिरगी रोग चला जाता है।

पेशाब रुक जाए तो नाभि से नीचे लहसुन की पुटली बांधने से पेशाब की रूकावट दूर हो जाती है वह साफ आने लगता है। मलेरिया बुखार जिन लोगों को मलेरिया हर रोज अपने निश्चित समय पर आता हो तो उन्हें बुखार को आने से पहले ही अपने हाथ पांव के नाखूनों पर तिल के तेल में लहसुन का रस मिला कर इन्हें नाखूनों पर लगाना चाहिए इससे बुखार रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा।